गुना के इस मंदिर में महाभारत के कर्ण ने की थी तपस्या, प्राचीन-कालीन है हनुमान जी की प्रतिमा
Gunaगुना। जिले से सटा हुआ हनुमान टेकरी मंदिर (Hanuman Tekri Temple) को महाभारत (Mahabharata-)कालीन बताया जाता है। यहां महाभारत के धनुर्धर कर्ण ने तपस्या की थी। यह क्षेत्र साधु-सतों की तपोभूमि का केंद्र रहा है,जहां 7वीं शताब्दी में हनुमान जी की प्रतिमा प्रकट हुई थी। मौजूदा समय में इस मंदिर का बहुत ही विकास हुआ और अब यह भव्य रूप में है, यही नहीं हनुमान टेकरी मंदिर पर हर मंगलवार और शनिवार को भक्तों की भीड़ रहती है, वहीं विशाल मेले का आयोजन भी यहां होता है।
हनुमान टेकरी जहां अब मंदिर है, वहां पहले केवल एक चबूतरा था। उस पर बालाजी की प्रतिमा थी उसके बाद इसका जीर्णाद्धार हुआ और फिर मढ़िया का निर्माण हुआ । पिछले 20 साल में इस मंदिर का निरंतर जीर्णोद्धार हुआ। आज यह विशाल मंदिर बन गया है।
मंदिर बनाने के लिए जब जीर्णोद्धार किया जा रहा था तब खुदाई में सोने के सिक्के निकले थे, वहां मंदिर के नीचे की तरफ पत्थर हटाया गया तो बड़ी संख्या में सांप भी निकले थे।हालांकि ये सब बातें काफी पुरानी हैं।
टेकरी मंदिर के पीछे ही जिंद बाबा का सिद्ध स्थल भी है, जहां काफी लोग मन्नात मांगने आते हैं और यहां झूला भी चढ़ाते हैं। हनुमान जी को बूंदी और बेसन के लड्डूओं का भोग लगता है जबकि जिंद बाबा को सिगरेट भी चढ़ाई जाती हैं।
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