जिला कलेक्टर की शिक्षा विभाग पर बड़ी कार्रवाई, निलंबित किए कई शिक्षक और रोकी कई अधिकारियों की वेतन
जिला कलेक्टर ने शिक्षकों और अधिकारियों को चेताया है कि अगर स्थिति नहीं सुधरी तो सेवा से पृथक कर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर श्री फ्रेंक नोबल ए. द्वारा आज जिला कलेक्ट्रेट के सभागार में शिक्षा विभाग की बैठक आयोजित कर समीक्षा की। बैठक में संयुक्त कलेक्टर श्रीमति सोनम जैन, जिला शिक्षा अधिकारी श्री चंद्रशेखर सिसौदिया, डीपीसी श्री आशीष टांटिया सहित बीईओ, बीआरसी, बीएसी एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
समीक्षा बैठक के दौरान लंबे समय से अनुपस्थित राघौगढ के शिक्षक श्री नीरज जाटव, चांचौडा के शिक्षक श्री जय श्री कड़क, गुना के शिक्षक श्री रामकृष्ण अहिरवार, निर्वाचन शाखा के श्री अखिलेश श्रीवास्वत को निलंबित करने के निर्देश दिए तथा लिपिक श्री सोनू आर्य के विरूद्ध डीई के आदेश दिए। वहीं एफएलएन प्रशिक्षण के दौरान अनुपस्थित 12 शिक्षकों के वेतन रोकने के निर्देश दिए।
बैठक को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा कि सभी प्रकार के संलग्नीकरण तत्काल निरस्त किये जाएं। अत्यंत आवश्यक होने पर संलग्नीकरण के प्रस्ताव जिला शिक्षा अधिकारी को बीईओ, बीआरसी के माध्यम से प्राप्त होने चाहिये। तदउपरांत संयुक्त कलेक्टर एवं डीपीसी के माध्यम से प्रस्तुत किये जाएं। कलेक्टर द्वारा बीईओ राघौगढ, आरोन, चांचौडा, बमोरी, गुना को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि लंबे समय से अनुपस्थित शिक्षकों की जानकारी यदि उनके संज्ञान में आती है तो संबंधित बीईओ के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने 15 दिवस में प्रत्येक संकुल में बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान डीपीसी श्रीमति सोनम जैन ने बताया कि पूर्व में संलग्नीकरण की जानकारी बीईओ, बीआरसी द्वारा निरंक बतायी गयी थी, परंतु गहन छानबीन में 27 शिक्षकों के संलग्नीकरण की जानकारी सामने आयी है। श्रीमति जैन ने बताया कि उनके द्वारा 27 शिक्षकों के अनुपस्थित रहने के कारण उनके विरूद्ध कार्यवाही के प्रस्ताव जिला शिक्षा अधिकारी को भेजे गये हैं। शिक्षा विभाग में 1,52,000 छात्र-छात्राओं के छात्रवृत्ति के लक्ष्य के विरूद्ध 22,222 छात्रों को छात्रवृत्ति नही मिलने पर कलेक्टर द्वारा नाराजगी व्यक्त की गयी। उन्होंने छात्रवृति हेतु शेष रहे छात्रों के भुगतान होने तक सभी विकास खण्ड शिक्षा अधिकारियों के वेतन रोकने के निर्देश दिए।
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