इंदार के मोनू रघुवंशी ने क्वालिफाइड किया NEET एग्जाम, प्रेरणा से भर देगी उनकी कहानी
गुना समाचार न्यूज़ डेस्क | ‘प्रतिभा किसी की मोहताज़ नहीं होती’ इस वाक्य को सत्य कर दिखाया है शिवपुरी जिले के ग्राम इन्दार के रहने वाले मोनू रघुवंशी पुत्र संतोष रघुवंशी ने. जिन्होंने आर्थिक तंगी के चलते और अभाव की ज़िन्दगी में जीते हुए भी मेडिकल एग्जाम NEET को क्वालिफाइड कर दिखाया. उनके पिता संतोष रघुवंशी ने पाई-पाई जुटाकर अपने बेटे को डॉक्टर बनाने का सपना देखा, जिसके लिए मोनू ने दिन रात कठोर परिश्रम किया और एकाग्रचित होकर NEET एग्जाम को पहले ही अटेम्प में क्वालिफाइड कर लिया.
मोनू ने अपनी पूरी पढाई
गाँव में रहकर सरकारी विद्यालय से की और कक्षा 12 वीं में 92% अंक हांसिल किये.
जिसके बाद उन्होंने NEET की तैयारी का फ़ैसला लिया. उनके पिता संतोष रघुवंशी अपने
बेटे को सहपरिवार लेकर गुना आ गये और दुर्गा कॉलोनी में एक कमरा लेकर रहने लगे.
यहाँ तक तो सब ठीक था पर मोनू को NEET की तैयारी करवाने के लिए उनके पास इतनी
पूंजी नहीं थी और न ही फ़िलहाल कोई इनकम सोर्स था जिससे वह मोनू को कोटा के किसी
बड़े कोचिंग इंस्टिट्यूट में दाखिला दिला सकें और संतोष रघुवंशी किसी भी हालात में
अपने बेटे की पढाई में पैसे की कमी से कोई अवरोध उत्पन्न करना नहीं चाहते थे इसलिए
उन्होंने हाटठेला लगाना शुरू किया, जैसे वो गाँव में लगाते थे. पैसे की तंगी और अपने
पिता की मज़बूरी को मोनू समझते थे. इसलिए गुना आते ही उन्होंने बच्चों को ट्यूशन
देना शुरू कर दिया.
पिता-पुत्र दोनों ने मिलकर घर का और पढाई का खर्चा उठाया. मोनू रघुवंशी की सफलता की कहानी उन सभी पालकों और बच्चों के लिए प्रेरणा है जो गाँव में रहते हैं और बड़ी पढाई का सपना देखते हैं.
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